भारत बंद: हिंसा की आग में झुलसा पूरा देश, ग्वालियर-मुरैना में 4 लोगों की मौत
नई दिल्लीः अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवावरण अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट) को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में सोमवार को दलित और आदिवासी संगठनों की ओर से बुलाए बंद के दौरान देश के कोने-कोने से हिंसा भड़कने की रिपोर्ट आई है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर और मुरैना में भड़की हिंसा में कम से कम चार लोगों को मौत हो गई. मुरैना में गोली लगने से एक युवक की मौत हुई. बताया जा रहा है कि युवक प्रदर्शन में शामिल नहीं था. वह अपने छत पर खड़ा था. फायरिंग में उसकी मौत हो गई. क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है. प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस को बल प्रयोग के साथ आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े. आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) मकरंद देउस्कर ने बताया कि ग्वालियर और मुरैना में विरोध प्रदर्शन के दौरान चार लोगों की मौत हुई है.
पुलिस ने किसी तरह प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा तो मुरैना रेलवे स्टेशन पर उपद्रव शुरू हो गया. बंद समर्थकों ने यहां पटरियों पर डेरा जमा लिया, जिसके बाद ट्रेनों की आवाजाही थम गई है. रेलवे स्टेशन पर उपद्रवियों ने दहशत फैलाने के लिए हवाई फायरिंग भी कर दी. रेलवे स्टेशन पर पुलिस और उपद्रवी आमने-सामने हो गए है. ग्वालियर के चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से शांति की अपील की है. उन्होंने कहा कि एससी एसटी के विकास के लिए राज्य सरकार और केंद्र दोनों ही प्रतिबद्ध हैं. मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे कानून व्यवस्था को हाथ में न लें. अगर कोई समस्या है तो सरकार के सामने रखें. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्रदर्शन के हिंसक होने की खबर आ रही है. बाड़मेर में हिंसक प्रदर्शन हिंसक हो गया. लोगों ने घरों और गाड़ियों में आग लगा दी. वहीं मेरठ में गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए.
वहीं राचीं में भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प देखने को मिली. प्रदर्शन कर रही महिलाएं पुलिस से भिड़ गईं. न्यूज एजेंसी एएनआई के सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि पत्थरबाजी कर रही महिलाओं पर पुलिस लाठियां बरसा रही है.
भारत बंद का कांग्रेस ने भी समर्थन किया है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना RSS/BJP के DNA में है, जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं. हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की माँग कर रहे हैं.हम उनको सलाम करते हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर किया है. मैं राजनीतिक पार्टियों और प्रदर्शनकारियों से अपील करता हूं शांति बनाए रखें. SC/ST एक्ट पर बदलाव के मुद्दे पर रामविलास पासवान बोले- दलितों का गुस्सा स्वाभाविक हो सकता है, लेकिन पार्टियां इसमें राजनीतिक रोटी क्यों सेंक रही हैं.कांग्रेस ने बाबा साहब आबेंडकर के नाम पर क्या किया, संसद के सेंट्रल हॉल में कांग्रेस ने आबेंडकर का पोर्ट्रेट तक नहीं लगने दिया था. उन्हें भारत रत्न नहीं दिया गया था. हमने उन्हें भारत रत्न सम्मान प्रदान करने का फैसला लिया. 14 अप्रैल को उनके जन्मदिन की छुट्टी हमने घोषित की.