17 गुना अधिक है नेप्च्यून का दृव्यमान पृथ्वी से, व्यास के आधार पर यह सौरमंडल का चौथा बड़ा ग्रह है
वैज्ञानिकों ने नेप्च्यून के तूफानों को ‘द ग्रेट डार्क स्पॉट’ और ‘डार्क स्पॉट 2’नाम दिया था।हब्बल स्पेस टेलीस्कोप ने पहली बार नेप्च्यून (वरुण) पर एक विशालकाय तूफान बनने की तस्वीरें ली हैं। नासा ने बताया कि इसकी एक डाक्युमेंट्री बनाई गई है, जो कि बर्फ के इस विशाल ग्रह के बारे में हमारी समझ बढ़ाने में मदद करेगी। नासा ने बताया कि बृहस्पति के ग्रेट रेड स्पॉट की तरह नेप्च्यून में भी ग्रेट डार्क स्पॉट हैं। यह ऐसे तूफान हैं जो उच्च वायुमंडलीय दबाव के क्षेत्रों से बनते हैं। वहीं, पृथ्वी पर ठीक इसके विपरीत कम दबाव वाले क्षेत्रों के आसपास तूफान आते हैं।
नासा ने बताया कि वैज्ञानिकों ने सालों के अध्ययन के दौरान नेप्च्यून पर कुल छह काले धब्बे (डार्क स्पॉट) देखे हैं। नासा के स्पेसक्राफ्ट वाइजर-2 ने 1989 में दो तूफानों की पहचान की थी। 1990 में हब्बल के लांच होने के बाद से, चार तूफानों को देखा जा चुका है। शोधकर्ताओं ने पिछले कई वर्षों में नेप्च्यून की हबल द्वारा प्राप्त तस्वीरों का विश्लेषण किया और संभावित रूप से बनने वाले नए ग्रेट डार्क स्पॉट के विकास को समझा।
हब्बल से प्राप्त छवियों का अध्ययन कर शोधकर्ताओं को पता चला कि ये स्पाट हमेशा नहीं रहते हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया कि नेप्च्यून में कितनी बार काले धब्बे बनते हैं और वे कितने समय तक टिकते हैं। जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के प्रमुख लेखक साइमन ने कहा, हमारे पास यूरेनस और नेप्च्यून पर बहुत कम जानकारी है। 1989 में जब नासा का वाइजर- 2 यान रहस्यमयी नीले ग्रह के पिछले हिस्से से निकला था तब वैज्ञानिकों ने पहली बार नेप्च्यून पर एक ग्रेट डार्क स्पॉट देखा था। अंतरिक्ष यान ने नेप्च्यून के दक्षिणी गोलार्ध में दो विशाल तूफानों की तस्वीरें खींचीं थीं। वैज्ञानिकों ने तूफानों को ‘द ग्रेट डार्क स्पॉट’ और ‘डार्क स्पॉट 2’ नाम दिया था।
पांच साल बाद, हबल स्पेस टेलीस्कोप ने नेप्च्यून की छवियां लीं, जिसमें पता चला कि पृथ्वी के आकार का ग्रेट डार्क स्पॉट और छोटा डार्क स्पॉट 2 दोनों गायब हो गए थे। 2018 में नेप्च्यून पर एक नया ग्रेट डार्क स्पॉट दिखाई दिया, जो 1989 में देखे स्पाट के आकार में लगभग समान था।
सौर मंडल का चौथा बड़ा ग्रह है नेप्च्यून:
नेप्च्यून हमारे सौर मंडल में सूर्य से आठवाँ ग्रह है। व्यास के आधार पर यह सौर मंडल का चौथा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर तीसरा बड़ा ग्रह है। नेप्च्यून का द्रव्यमान पृथ्वी से 17 गुना अधिक है। पृथ्वी की तुलना में नेप्च्यून सूरज से लगभग तीस गुना अधिक दूर है। वरुण को सूरज की एक पूरी परिक्रमा करने में 164.79 वर्ष लगते हैं।