ठंड में डायबिटीज मरीजों को पैरों का रखना चाहिए विशेष ख्याल, ये हैं 5 टिप्स

डायबिटीज एक खतरनाक बीमारी है, जिसे अगर समय से कंट्रोल नहीं किया गया तो कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर लोग सोचते हैं कि डायबिटीज सिर्फ ब्लड शुगर प्रॉब्लम है लेकिन ये सच नहीं है! डायबिटीज के कारण नर्व और ब्लड वैसेल्स डैमेज हो जाते हैं और यदि न्यूरोपैथी विकार विकसित हो जाएं तो आपके पैरों को भी नुकसान पहुंचता हैं। ऐसे में जरूरी है कि डायबिटिक मरीज समय रहते पैरों की देखभाल करें। डायबिटीज रोगियों में सर्दियों के मौसम में पैरों की समस्या बढ़ जाती है।

डायबिटीज के दौरान पंजे पर लगा एक छोटा सा कट भी आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इस बीमारी में पंजों तक सही तरीके से रक्त प्रवाह नहीं हो पाता है। ऐसे में कोई भी त्वचा संबंधी समस्या, संक्रमण या चोट को ठीक होने में बहुत समय लगता है। अगर पैरों पर हुए जख्‍म का ध्‍यान न रखा जाएं तो पैर काटना भी पड़ सकता है। इसलिए पैरों की देखभाल करना बहुत जरूरी है। आइए आपको बताते हैं डायबिटीज मरीज किस तरह ठंड के मौसम में अपने पैरों की देखभाल कर सकते हैं।

गुनगुने पानी से धोएं पैर
रोज रात में सोने के पहले पैरों को हल्के गर्म यानी गुनगुने पानी में थोड़ी देर रखें और पैरों को साफ करें। फिर टॉवल से अच्छी तरह पैरों को सुखाएं, खासतौर पर अंगूठे और उंगलियों के बीच के गैप को।

त्वचा को रूखी न होने दें
सर्दियों के मौसम में त्वचा में रूखेपन के कारण खुजली होती है। ऐसी स्थिति में अधिक खुजलाने पर त्वचा की पहली परत छिल जाती है जिसके कारण पानी निकलने लगता है और घाव हो जाते हैं। मधुमेह रोगियों के लिए यहां मुश्किल हो जाती है, क्‍योंकि घाव भरने में समय लगता है। इसलिए मधुमेह रोगियों को अपने हाथ-पैरों में नमी की कमी नहीं होने देनी चाहिए। इसके लिए अच्छे मॉश्चराइजर का प्रयोग करें और पानी पिएं।

ऑयली फूड्स से रहें दूर
दूसरे मौसम में भी मधुमेह के रोगियों को ऑयली आहार के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है। लेकिन सर्दियों के मौसम में इनको इससे विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्‍योंकि इस समय इम्‍यून सिस्‍टम बहुत कमजोर हो जाता है। इसलिए डायबिटिक्‍स को तेल, घी, चिकनाई एवं वसा वाली वस्तुएं अत्यन्त कम मात्रा में खानी चाहिए। इसके अलावा डिब्बाबंद, बोतलबंद एवं प्रोसेस्ड व रिफाइंड वस्तुओं से बचें।

छोटी-छोटी समस्याओं को न करें नजरअंदाज
सर्दियों में डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से डॉक्टर के पास जांच के लिए जाना चाहिए। इसके साथ ही अल्सर, पैरों की उंगलियों के नाखूनों का अंदर की ओर बढ़ना अथवा पैरों में दर्द आदि की समस्या होने पर भी बिना देर किये डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए। समय रहते अगर पैरों की समस्या का पता लगाया जा सके, तो अंग-विच्छेदन से बचा जा सकता है।

जूते और मोजे बदलते रहें
डायबिटीज के मरीजों को अपने पैरों को गर्म और सुरक्षित रखने की जरूरत होती है। ऐसे लोगों को चाहिए कि अपने पैरों में हमेशा जुराबें पहनकर रखें। बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शजन से बचने के लिए जुराबों को रोजाना बदलना जरूरी है। घर से बाहर जाते समय डायबिटीज के मरीजों को जूते पहनना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि आप किस प्रकार के जूते पहनते हैं। जूते आरामदेह और‍ फिट होने चाहिए। उसमें आपके पैरों पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ना चाहिए।

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