प्लेटलेट्स कम होने पर घबराएं नहीं, हर बुखार डेंगू नहीं होता
शहर में डेंगू पांव पसार चुका है। सेहत विभाग ने अब तक डेंगू के 230 मरीजों की पुष्टि कर दी है। वहीं एक हजार से अधिक संदिग्ध मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। दूसरी ओर, कई निजी अस्पताल इसका लाभ उठाने से नहीं चूक रहे। लोगों में भी इस माहौल से अफरा-तफरी मची है। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि थोड़ा बुखार होने पर ही मत घबराएं। हर बुखार डेंगू नहीं हो सकता। ऐसे में बिना घबराएं विशेषज्ञ डॉक्टरों को दिखाएं और कसिी नीम हकीम या झोलाछाप चिकित्सकों के चक्कर में न पड़ें।
डेंगू फीवर के हौव्वे से प्राइवेट डॉक्टरों की चांदी हो रही है। चूंकि डेंगू फीवर की तरह वायरल फीवर व मलेरिया में भी प्लेटलेट्स कम होता है, ऐसे में मरीजों में जागरुकता की कमी का फायदा उठाया जा रहा है। शहर में कुछ निजी अस्पतालों, नर्सिग होम व क्लीनिकों में बुखार के मामलों में भी डेंगू का डर पैदा कर मरीजों की जेब ढीली की जा रही है।
लैब संचालकों के साथ सेटिंग कर मरीजों के बिना वजह टेस्ट करवाए जा रहे हैं। हकीकत तो यह है कि हर बुखार डेंगू नहीं होता है। जिले के डिस्ट्रिक एपिडिमोलॉजिस्ट डॉ. रमेश कुमार के अनुसार इन दिनों हर तरफ डेंगू का हौवा बना हुआ है। लोगों को जरा सा बुखार हुआ नहीं कि वह डेंगू समझ कर तनाव में आ जाते हैं। यही नहीं प्लेटलेट्स कम होने को भी लोग डेंगू मान रहे हैं।
डॉ. रमेश कुमार का कहना है कि मरीजों को समझना चाहिए कि हर बुखार व प्लेटलेट्स कम होना डेंगू नहीं है। वायरल फीवर में प्लेटलेट्स काउंट कम होना स्वाभाविक है। इसके अलावा कई अन्य बीमारियों में भी प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। जैसे कि कैंसर, कई तरह की दवाइयां लेने, सीरियस मलेरिया, डीआइसी, सेप्टीसीमिया, क्रॉनिक लीवर डिसीज। प्लेटलेट्स काउंट कम होने पर मरीज को घबराना नहीं चाहिए।
उन्होंने बताया कि एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 1.5 से 4 लाख तक प्लेटलेट्स काउंट होना नॉर्मल माना जाता है। जबकि 40 हजार तक प्लेटलेट्स होने पर घबराने की जरूरत नहीं होती। 20 हजार से कम काउंट होने पर ही प्लेटलेट्स चढ़ाने की सलाह दी जाती है।
मोहन देई ओसवाल अस्पताल के चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. प्रदीप कपूर ने कहा कि यदि बुखार की शिकायत है तो अच्छे अस्पताल में इलाज करवाएं। यदि फीवर व प्लेटलेट्स कम होने की शिकायत हो, तो इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अच्छी डाइट लें। भोजन में मौसमी फल, हरी सब्जियां, दाल, दूध-दही, विटामिन-सी से भरपूर आंवला, संतरा, मौसमी ले सकते हैं। बकरी का दूध पीने से भी इम्युनिटी बढ़ती है। जूस, नारियल पानी भी ले सकते हैं। रोज तकरीबन 4-5 लीटर लिक्विड लें। खूब पानी पीएं।
मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. गुरमीत सिंह कहते हैं कि यदि अचानक तेज बुखार आए, शरीर के जोड़ों में तेज दर्द, शरीर पर चकत्ते, आंखों के पिछली तरफ दर्द, सिर में दर्द, बुखार के साथ मुंह व नाक में से खून बहना, ब्लडप्रेशर कम होना, उल्टी न रुकने की शिकायत हो, तो पहले दिन ही किसी अच्छे डॉक्टर से जांच करवाएं। सिविल अस्पताल में तो डेंगू की जांच निशुल्क की जाती है।
उन्होंने कहा कि डेंगू बुखार, वायरल बुखार या जोड़ों में दर्द होने पर एसप्रिन या आईब्यूप्रोफेन नहीं लेनी चाहिए। इससे ब्लीडिंग का खतरा हो सकता है। डीएमसीएच में 500 से अधिक डेंगू के संदिग्ध मरीज शहर के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच में डेंगू का इलाज करवाने के लिए पंजाब, हिमाचल व जम्मू-कश्मीर से मरीज पहुंच रहे हैं।
जानकारी के अनुसार अस्पताल में डेंगू के पांच सौ से अधिक संदिग्ध मरीज भर्ती है। इसमें से ज्यादातर मरीज दूसरे जिलों व राज्यों से हैं। हालांकि, पॉजीटिव मरीजों के बारे में अस्पताल प्रबंधन कुछ भी बताने से इंकार कर रहा है। उधर सेहत विभाग ने भी पिछले एक सप्ताह से डेंगू मरीजों की जानकारी सांझा नहीं कर रहा है।