पहली बार सुखोई एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान की हुई स्‍वदेशी मरम्‍मत

 महाराष्ट्र के नासिक जिले में ओझर में वायुसेना के ‘द 11 बेस रिपेयर डिपो’ (बीआरडी) ने पहली बार स्वदेशी रूप से मरम्मत करने के बाद सुखोई एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान शुक्रवार को भारतीय वायु सेना को सौंप दिया. सुखोई एसयू-30 एमकेआई बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है जिसे रूस के सुखोई द्वारा विकसित किया गया था और भारत के हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्माण किया गया है.  महाराष्ट्र के नासिक जिले में ओझर में वायुसेना के ‘द 11 बेस रिपेयर डिपो’ (बीआरडी) ने पहली बार स्वदेशी रूप से मरम्मत करने के बाद सुखोई एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान शुक्रवार को भारतीय वायु सेना को सौंप दिया. सुखोई एसयू-30 एमकेआई बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है जिसे रूस के सुखोई द्वारा विकसित किया गया था और भारत के हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्माण किया गया है.  रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि लड़ाकू विमान को वायुसेना के ऑपरेशन स्क्वाड्रन को सौंप दिया गया है. उन्होंने बताया कि मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर ओझर एयरफोर्स स्टेशन में आयोजित कार्यक्रम में मेंटेनेंस कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल हेमंत शर्मा ने इस लड़ाकू विमान को दक्षिणी पश्चिमी कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल एच एस अरोड़ा को सौंपा.    Image result for sukhoi 30 mki zee news फाइल फोटो  अधिकारी ने बताया कि ‘द 11 बीआरडी’ वायुसेना का लड़ाकू विमानों की मरम्मत का एकमात्र डिपो है और यह अग्रणी पंक्ति के लड़ाकू विमानों जैसे मिग-29 और सुखोई 30एमकेआई की मरम्मत करता है. इस डिपो की स्थापना 1974 में की गई थी. साल दर साल इसके बुनियादी ढ़ांचे एवं तकनीकी विशेषज्ञता में सुधार किया गया। वर्ष 1983 में इसने 100 एसयू- लड़ाकू विमान की मरम्मत की थी.

रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि लड़ाकू विमान को वायुसेना के ऑपरेशन स्क्वाड्रन को सौंप दिया गया है. उन्होंने बताया कि मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर ओझर एयरफोर्स स्टेशन में आयोजित कार्यक्रम में मेंटेनेंस कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल हेमंत शर्मा ने इस लड़ाकू विमान को दक्षिणी पश्चिमी कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल एच एस अरोड़ा को सौंपा. 

अधिकारी ने बताया कि ‘द 11 बीआरडी’ वायुसेना का लड़ाकू विमानों की मरम्मत का एकमात्र डिपो है और यह अग्रणी पंक्ति के लड़ाकू विमानों जैसे मिग-29 और सुखोई 30एमकेआई की मरम्मत करता है. इस डिपो की स्थापना 1974 में की गई थी. साल दर साल इसके बुनियादी ढ़ांचे एवं तकनीकी विशेषज्ञता में सुधार किया गया। वर्ष 1983 में इसने 100 एसयू- लड़ाकू विमान की मरम्मत की थी.

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