स्मृति ईरानी बोलीं- महिला सुरक्षा के सख्त कानून, बेखौफ शिकायत करें

हमेशा बेटियों को ही संस्कारी बनाने की बात होती है। जरूरत बेटों को भी संस्कार देने की है। कामकाजी महिलाओं से अकसर पूछा जाता है कि वे घर-परिवार के लिए समय कैसे निकालती हैं। यह सवाल तो पुरुषों से होना चाहिए। कोई महिला संस्कार घर पर छोड़ काम नहीं करती। महिला में ही यह खूबी है कि वह 24 घंटे हर भूमिका में होती है। राजमाता सिंधिया एक तरफ जहां करुणा की प्रतिमूर्ति हैं तो दूसरी तरफ वे शूरवीर महिला का उदाहरण भी हैं। उन्होंने लोकतंत्र के लिए राजपरिवार की सुविधाएं त्याग दीं, लेकिन हार नहीं मानी। हमेशा बेटियों को ही संस्कारी बनाने की बात होती है। जरूरत बेटों को भी संस्कार देने की है। कामकाजी महिलाओं से अकसर पूछा जाता है कि वे घर-परिवार के लिए समय कैसे निकालती हैं। यह सवाल तो पुरुषों से होना चाहिए। कोई महिला संस्कार घर पर छोड़ काम नहीं करती। महिला में ही यह खूबी है कि वह 24 घंटे हर भूमिका में होती है। राजमाता सिंधिया एक तरफ जहां करुणा की प्रतिमूर्ति हैं तो दूसरी तरफ वे शूरवीर महिला का उदाहरण भी हैं। उन्होंने लोकतंत्र के लिए राजपरिवार की सुविधाएं त्याग दीं, लेकिन हार नहीं मानी।  यह बात केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार शाम कही। वे राजमाता विजयाराजे सिंधिया जन्मशताब्दी समारोह के अंतर्गत आयोजित कमल शक्ति संवाद कार्यक्रम में बोल रही थीं। इस मौके पर बड़ी संख्या में भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी उपस्थित थे।   जनता को कैसे लुभा रहे नेता, हर हरकत पर है चुनाव आयोग की नजर यह भी पढ़ें  राजमाता ने लोकतंत्र के लिए किया काम  राजमाता सिंधिया को याद करते हुए ईरानी ने कहा कि उन्होंने राजपरिवार का सदस्य होने के बावजूद लोकतंत्र के लिए काम किया। उनका जीवन संघर्ष देखकर विरोधी भी उनके सामने घुटने टेक देते थे। जेल की कालकोठरी में भी उन्हें आम जनता के सुख-दुख की चिंता थी। जेल में रहते हुए भी उन्होंने कह रखा था कि जेल में उन्हें कैदी नंबर 2265 के रूप में पहचाना जाए, राजमाता के रूप में नहीं।   फ्लैट में नहीं थी मूलभूत सुविधाएं, बिल्डर चुकाएगा हर्जाना यह भी पढ़ें  बेटियों से मंगाती थीं महिला कैदियों के बच्चों के लिए सामान  ईरानी ने कहा कि राजमाता के परिजन जेल में उनके लिए जरूरत का सामान लेकर जाते थे तो राजमाता बेटियों से कहती थीं कि तुम्हें सामान ही भेजना है, तो महिला कैदियों के बच्चों के लिए भेजो। एक महिला के संघर्ष को राजमाता के उदाहरण से आसानी से समझा जा सकता है। उन्होंने जीवन में कभी हार नहीं मानी।   पेचकस से चालू कर रहा था खराब ट्रक, पहिया पीछे लुढ़का और हो गई अनहोनी यह भी पढ़ें  यही सवाल पुरुषों से भी पूछो  कार्यक्रम के दौरान ईरानी ने महिला मोर्चा की सदस्याओं के सवालों के जवाब भी दिए। घर परिवार पर समय देने को लेकर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि जब भी महिला काम करने लगती है तो उस पर सवाल उछाला जाता है कि वह घर-परिवार के लिए समय कैसे निकालती है। यह सवाल तो पुरुषों से पूछा जाना चाहिए।   मां अंदर कपड़े लेने गई थी और मासूम खेलते-खेलते कर बैठा ऐसी गलती यह भी पढ़ें  बेखौफ होकर करें शिकायत  मी टू कैम्पेन को लेकर पूछे एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है। महिलाओं को कानून कई सुविधा देता है। किसी भी महिला को दिक्कत है तो वह बेखौफ होकर शिकायत दर्ज करवा सकती है।   सीहोर : कब्रिस्तान के पास अधजली लाश मिलने से फैली सनसनी, पुलिस जांच में जुटी यह भी पढ़ें  भाजपा ने महिलाओं को दिया आरक्षण  ईरानी ने कहा कि सिर्फ भाजपा ही ऐसी पार्टी है, जिसमें महिलाओं के लिए आरक्षण है। उन्होंने कांग्रेस को निशाना बनाते हुए कहा कि वहां पार्टी की अध्यक्ष खुद महिला हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी के संगठन में महिलाओं के लिए आरक्षण लागू नहीं किया।  योजनाओं की जानकारी भी दी  इंदौर की मिलों को पुनर्जीवित करने के बारे में पूछे एक सवाल पर ईरानी ने कहा कि आचार संहिता लागू है, इसलिए वे इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहेंगी। हालांकि बाद में उन्होंने खुद ही केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दे दी। उन्होंने बताया कि केंद्र ने बंद पड़ी कपड़ा मिलों के लिए 6000 करोड़ रुपए का पैकेज भी दिया है। इसके अलावा सिल्क इंडस्ट्री के लिए भी 1300 करोड़ की एक योजना है।

यह बात केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार शाम कही। वे राजमाता विजयाराजे सिंधिया जन्मशताब्दी समारोह के अंतर्गत आयोजित कमल शक्ति संवाद कार्यक्रम में बोल रही थीं। इस मौके पर बड़ी संख्या में भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

राजमाता ने लोकतंत्र के लिए किया काम

राजमाता सिंधिया को याद करते हुए ईरानी ने कहा कि उन्होंने राजपरिवार का सदस्य होने के बावजूद लोकतंत्र के लिए काम किया। उनका जीवन संघर्ष देखकर विरोधी भी उनके सामने घुटने टेक देते थे। जेल की कालकोठरी में भी उन्हें आम जनता के सुख-दुख की चिंता थी। जेल में रहते हुए भी उन्होंने कह रखा था कि जेल में उन्हें कैदी नंबर 2265 के रूप में पहचाना जाए, राजमाता के रूप में नहीं।

बेटियों से मंगाती थीं महिला कैदियों के बच्चों के लिए सामान

ईरानी ने कहा कि राजमाता के परिजन जेल में उनके लिए जरूरत का सामान लेकर जाते थे तो राजमाता बेटियों से कहती थीं कि तुम्हें सामान ही भेजना है, तो महिला कैदियों के बच्चों के लिए भेजो। एक महिला के संघर्ष को राजमाता के उदाहरण से आसानी से समझा जा सकता है। उन्होंने जीवन में कभी हार नहीं मानी।

यही सवाल पुरुषों से भी पूछो

कार्यक्रम के दौरान ईरानी ने महिला मोर्चा की सदस्याओं के सवालों के जवाब भी दिए। घर परिवार पर समय देने को लेकर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि जब भी महिला काम करने लगती है तो उस पर सवाल उछाला जाता है कि वह घर-परिवार के लिए समय कैसे निकालती है। यह सवाल तो पुरुषों से पूछा जाना चाहिए।

बेखौफ होकर करें शिकायत

मी टू कैम्पेन को लेकर पूछे एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है। महिलाओं को कानून कई सुविधा देता है। किसी भी महिला को दिक्कत है तो वह बेखौफ होकर शिकायत दर्ज करवा सकती है।

भाजपा ने महिलाओं को दिया आरक्षण

ईरानी ने कहा कि सिर्फ भाजपा ही ऐसी पार्टी है, जिसमें महिलाओं के लिए आरक्षण है। उन्होंने कांग्रेस को निशाना बनाते हुए कहा कि वहां पार्टी की अध्यक्ष खुद महिला हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी के संगठन में महिलाओं के लिए आरक्षण लागू नहीं किया।

योजनाओं की जानकारी भी दी

इंदौर की मिलों को पुनर्जीवित करने के बारे में पूछे एक सवाल पर ईरानी ने कहा कि आचार संहिता लागू है, इसलिए वे इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहेंगी। हालांकि बाद में उन्होंने खुद ही केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दे दी। उन्होंने बताया कि केंद्र ने बंद पड़ी कपड़ा मिलों के लिए 6000 करोड़ रुपए का पैकेज भी दिया है। इसके अलावा सिल्क इंडस्ट्री के लिए भी 1300 करोड़ की एक योजना है।

E-Paper