तहसीलदार के आदेश में हेरफेर कर पूर्व विधायक के भाई की जमीन पर बैंक ने लिया कब्जा

पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता सत्यनारायण पटेल के भाई राधेश्याम पटेल से लोन वसूली के लिए तहसीलदार के कुर्की आदेश में हेरफेर कर उनकी जमीन पर कब्जा लेने का मामला सामने आया है। पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता सत्यनारायण पटेल के भाई राधेश्याम पटेल से लोन वसूली के लिए तहसीलदार के कुर्की आदेश में हेरफेर कर उनकी जमीन पर कब्जा लेने का मामला सामने आया है।  मामले में प्रशासन के कुर्क अमीन और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका है। इसे लेकर तहसीलदार ने कुर्क अमीन और बैंक प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।  बताया जाता है कि पटेल ने कुछ साल पहले कोल्ड स्टोरेज के लिए यूनियन बैंक से करोड़ों रुपए का लोन लिया था। इसे न चुका पाने की स्थिति में बैंक ने वसूली के लिए सरफासी एक्ट में कलेक्टर के समक्ष मामला रखा। कलेक्टर के वर्ष 2017 के एक आदेश के तहत पटेल की गारी पीपल्या सहित अन्य जमीन पर कब्जा लेने का आदेश था। इसमें बड़ियाकीमा की जमीन भी शामिल थी। आदेश के बाद पटेल ने कुछ पैसा चुका दिया था, लेकिन पूरा लोन न चुकाने पर बैंक ने कुर्की के लिए जमीन पर कब्जा लेने को प्रशासन से अनुरोध किया।   जनता को कैसे लुभा रहे नेता, हर हरकत पर है चुनाव आयोग की नजर यह भी पढ़ें  इसके तहत तहसीलदार ममता पटेल ने अपने अधिकार क्षेत्र की गारी पीपल्या की छह जमीन पर कब्जा लेने के आदेश जारी किए। पर कब्जा लेते समय इस आदेश में बड़ियाकीमा की जमीन को भी जोड़ दिया गया जो तहसीलदार धीरेंद्र पाराशर के क्षेत्र में आती है। आदेश की इस हेराफेरी में कुर्क अमीन और बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत का अंदेशा है। इसीलिए तहसीलदार पटेल ने कुर्क अमीन और बैंक प्रबंधन दोनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मामले में प्रशासन के कुर्क अमीन और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका है। इसे लेकर तहसीलदार ने कुर्क अमीन और बैंक प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

बताया जाता है कि पटेल ने कुछ साल पहले कोल्ड स्टोरेज के लिए यूनियन बैंक से करोड़ों रुपए का लोन लिया था। इसे न चुका पाने की स्थिति में बैंक ने वसूली के लिए सरफासी एक्ट में कलेक्टर के समक्ष मामला रखा। कलेक्टर के वर्ष 2017 के एक आदेश के तहत पटेल की गारी पीपल्या सहित अन्य जमीन पर कब्जा लेने का आदेश था। इसमें बड़ियाकीमा की जमीन भी शामिल थी। आदेश के बाद पटेल ने कुछ पैसा चुका दिया था, लेकिन पूरा लोन न चुकाने पर बैंक ने कुर्की के लिए जमीन पर कब्जा लेने को प्रशासन से अनुरोध किया।

इसके तहत तहसीलदार ममता पटेल ने अपने अधिकार क्षेत्र की गारी पीपल्या की छह जमीन पर कब्जा लेने के आदेश जारी किए। पर कब्जा लेते समय इस आदेश में बड़ियाकीमा की जमीन को भी जोड़ दिया गया जो तहसीलदार धीरेंद्र पाराशर के क्षेत्र में आती है। आदेश की इस हेराफेरी में कुर्क अमीन और बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत का अंदेशा है। इसीलिए तहसीलदार पटेल ने कुर्क अमीन और बैंक प्रबंधन दोनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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