क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा इतनी है कि कई खिलाड़ियों का जीवन घरेलू क्रिकेट टीम तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाता है तो कुछ घरेलू टीम से आगे बढ़ने की आस में ही करियर खत्म कर लेते हैं। मगर कुछ ऐसे बिरले भी हैं जिन्हें अपनी घरेलू टीम में भले मौका न दिया गया हो, लेकिन दुनियाभर में अपने खेल की धूम मचा देते है। ऐसा अवसर आईपीएल में ही मिलता है और ऐसा एक खिलाड़ी अब फिर उभरकर सामने आया है, जिसका नाम है अनिकेत वर्मा।
Aniket Verma ने IPL में बड़े-बड़े सूरमाओं के उड़ाए होश
मध्य प्रदेश की रणजी टीम में अनिकेत को अब तक मौका नहीं मिला, लेकिन आईपीएल में अपनी टीम हैदराबाद सनराइजर्स के लिए दुनियाभर के दिग्गज गेंदबाजों के छक्के छुड़ा रहे है। अनिकेत ने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच में 41 गेंदों पर 74 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। पारी में छह छक्के और पांच चौके शामिल थे। जिन गेंदबाजों के छक्के छुड़ाए उनमें मिचेल स्टार्क, अक्षर पटेल जैसे नाम शामिल हैं।
अनिकेत का बल्ला घरेलू मैचों में भी गेंदबाजों को ऐसे ही नसीहत देता रहा है, लेकिन कभी उन्हें रणजी टीम के योग्य नहीं समझा गया। मप्र के लिए मात्र एक टी-20 मैच का अनुभव उनके पास है। हालांकि मप्र की अंडर-23 टीम की ओर से कर्नाटक के खिलाफ 75 गेंदों में 101 रनों की पारी खेलकर अपनी प्रतिभा की चमक दिखा चुके है। मगर असली पहचान मप्र क्रिकेट लीग से मिली।
यहां छह मैचों मे 195 की स्ट्राइक रेट से 273 रन ठोंक दिए। इस टूर्नामेंट में रजत पाटीदार, वेंकटेश अय्यर सहित आइपीएल के कई सितारे भी थे, जो अनिकेत के सामने फीके दिखे। अनिकेत बताते हैं, मप्र लीग का अनुभव मुझे सबसे ज्यादा मददगार साबित हुआ। बड़े मंच पर खेलना और दबाव का सामना करना यहीं पर सीखा। भारी भीड़ के शोर के बीच प्रदर्शन आसान नहीं होता, लेकिन मैं इसके लिए तैयार था। आईपीएल में भले ही मैं शुरुआत कर रहा हूं, लेकिन मुझे मैच परिस्थिति के अनुसार खेलने की परिपक्वता मप्र लीग ने सिखा के यहां भेजा।
मप्र लीग के बाद कई आईपीएल फ्रेंचाइजी ने अनिकेत को ट्रायल्स के बुलाया। सनराइजर्स हैदराबाद के लिए ट्रायल्स में एक जोड़ी को आठ ओवर में 85 रनों का लक्ष्य दिया गया, जिसे इन्होंने चार ओवर में ही पा लिया। इसमें 64 रन अनिकेत के थे। लोगों की जिंदगी में खुशनुमा मोड़ आते हैं, अनिकेत का करियर यहां से गगनयान की तरह लांच हुआ।
सनराइजर्स के लिए दूसरे ही मैच में जब अनिकेत बल्लेबाजी को उतरे तो टीम के शीर्ष चार बल्लेबाज 37 रनों पर पवैलियन लौट चुके थे। जाहिर है टीम प्रबंधन सहित सभी सीनियर खिलाड़ी दबाव में थे, लेकिन जिस नवोदित को मैदान में भेजा, वह दबाव में नहीं था।
अर्धशतकीय पारी के बारे में अनिकेत बताते हैं, चार विकेट गिरने के बाद टीम पर दबाव था,लेकिन मैं यह सोच रहा था कि मेरे पास खेलने के लिए बहुत से ओवर और पर्याप्त समय है। मुझे अपनी क्षमता दिखाने के लिए यह एक अवसर मिला था, जिसे मैं हाथ से जाने नहीं देना चाहता था। हमारी योजना थी कि पारी संभालना है और 15 ओवर तक विकेट नहीं गिरने देना है। मगर स्कोरबोर्ड को गतिमान रखना भी जरूरी था तो मैंने कमजोर गेंदों को अपने अंदाज में नसीहत दी। रन बनने के साथ दबाव भी कम होने लगा। पिछले मैच में जब मैं क्रीज पर आया था तो ओवर नहीं बचे थे, मगर इस बार मिले अवसर का मैंने टीम के लिए अहम योगदान दिया।