ब्‍लड शुगर बढ़ा तो द‍िल भी खतरे में

डायबिटीज और दिल की बीमारी का संबंध काफी गहरा होता है। दरअसल डायब‍िटीज रोग‍ियों में दिल की बीमारी का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। जिसमें कोरोनरी हार्ट ड‍िजीज, हार्ट अटैक और हार्ट स्‍ट्रोक जैसी बीमारियां शामिल हैं। इसका मुख्‍य कारण हाई ब्‍लड शुगर का दिल पर पड़ने वाला नकारात्‍मक असर है। जब खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और लंबे समय तक बनी रहती है तो यह ब्‍लड वेसेल्‍स को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ये खासकर मह‍िलाओं में देखने को म‍िलती है। आपको बता दें कि‍ डायबि‍टीज से पीड़‍ित‍ मह‍िलाओं में दि‍ल की बीमारी का खतरा ज्‍यादा होता है जो कई कारकों के कारण होता है। आज हम आपको अपने लेख में बताने जा रहे हैं क‍ि मह‍िलाओं में ही ये समस्या ज्‍यादा क्‍यों देखने को म‍िलती है। साथ ही ये भी बताएंगे क‍ि महि‍लाओं को कि‍न बातों का अध‍िक ध्‍यान रखने की जरूरत है। आइए जानते हैं वि‍स्तार से- द‍िल की बीमारी का खतरा अध‍िक डायब‍िटीज से पीड़‍ित मह‍िलाओं में हाई बीपी, खराब कोलेस्ट्रॉल और मोटापे की संभावना ज्‍यादा होती है। इससे द‍िल से जुड़ी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसी स्थितियां भी द‍िल के रोगों को बढ़ा सकती हैं। नहीं नजर आते हार्ट अटैक के लक्षण आपको बता दें क‍ि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर अलग या कम नजर आते हैं। सीने में दर्द के बजाय महिलाओं को पसीना, सांस लेने में द‍िक्‍कत, पेट में असहजता और मितली जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इससे हार्ट अटैक को पहचानना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। तनाव और ड‍िप्रेशन का असर महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्‍यादा तनाव लेती हैं। ये धीरे-धीरे ड‍िप्रेशन का कारण भी बन सकता है। यही कारण है क‍ि इससे हार्ट हेल्‍थ पर गंभीर असर पड़ सकता है। तनाव से ब्‍लड प्रेशर हाई हो सकता है। डायबिटीज से पीड़ि‍त मह‍िलाएं कैसे रखें दिल का ख्याल? डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए जो कदम उठाए जाते हैं, वे हार्ट डिजीज के रिस्क को कम करने में भी मददगार साबित हो सकते हैं। मह‍िलाएं कुछ ट‍िप्‍स को फॉलो कर अपनी हार्ट हेल्थ का ख्याल रख सकती हैं। सेचुरेटेड और ट्रांस फैट से बचें, क्योंकि ये कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ा सकते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर डाइट हार्ट डिजीज से बचाव में मददगार होते हैं। इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसे रिस्क फैक्टर्स को कम करने के लिए नियमित एक्सरसाइज जरूरी है। स्मोकिंग और एल्‍कोहल लेने से बचें। तनाव कम करने के लिए म्युजिक सुनें। योग, डांस या अपने परिवार व दोस्तों के साथ समय बिताने जैसी एक्टिविटीज तनाव कम करने में कारगर साबित हो सकती हैं।
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