आज है नाग पंचमी, जरूर पढ़े श्री सर्प सूक्त का पाठ,

आज नागपंचमी है. ऐसे में इस अवसर पर नाग देवता की पूजा की जाती है. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं श्री सर्प सूक्त का पाठ जिसका पाठ करने से जीवन से बहुत से दुःख बाहर चले जाते हैं. आइए जानते हैं श्री सर्प सूक्त का पाठ.

नाग देवता को प्रसन्न करने वाला श्री सर्प सूक्त का पाठ –

श्री सर्प सूक्त का पाठ

ब्रह्मलोकेषु ये सर्पा शेषनाग परोगमा:।

नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।1।।

इन्द्रलोकेषु ये सर्पा: वासु‍कि प्रमुखाद्य:।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।2।।

कद्रवेयश्च ये सर्पा: मातृभक्ति परायणा।

नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।3।।

इन्द्रलोकेषु ये सर्पा: तक्षका प्रमुखाद्य।

नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।4।।

सत्यलोकेषु ये सर्पा: वासुकिना च रक्षिता।

नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।5।।

मलये चैव ये सर्पा: कर्कोटक प्रमुखाद्य।

नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।6।।

पृथिव्यां चैव ये सर्पा: ये साकेत वासिता।

नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।7।।

सर्वग्रामेषु ये सर्पा: वसंतिषु संच्छिता।

नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।8।।

ग्रामे वा यदि वारण्ये ये सर्पप्रचरन्ति।

नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।9।।

समुद्रतीरे ये सर्पाये सर्पा जंलवासिन:।

नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।10।।

रसातलेषु ये सर्पा: अनन्तादि महाबला:।

नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।11।

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