‘पद्मावत’ पर कमेंट के बाद ट्रोल हुईं स्वरा भास्कर, सुचित्रा कृष्णमूर्ति ने कहा- बहस बेवकूफी भरी
फिल्म ‘पद्मावती’ पर लिखे अपने खुले खत को लेकर अभिनेत्री स्वरा भास्कर ट्रोल हो गई हैं. कुछ लोग स्वरा को इतिहास पढ़ने की सलाह दे रहे हैं तो कुछ लोग उनकी सोच पर ही सवाल उठा रहे है.
स्वरा भास्कर का अंदाज अभिनेत्री और गायिका सुचित्रा कृष्णमूर्ति को बिल्कुल पसंद नहीं आया और उन्होंने ट्वीट किया, ‘पद्मावत पर ये नारीवादी बहस क्या बेवकूफी भरी नहीं है? यह महिलाओं की एक कहानी भर है, भगवान के लिए इसे ‘जौहर’ की वकालत न समझें. अपने मतलब के लिए कोई और मुद्दा उठाएं, जो ऐतिहासिक कहानी न होकर वास्तव में हो.’
Arent these feminist debates on #Padmaavat rather dumb?. Its a story ladies – not an advocacy of Jauhar for gods sake. Find another battle for ur cause- a real one at all. Not historical fiction
— Suchitra Krishnamoorthi (@suchitrak) January 28, 2018
Funny that an actress who can play an erotic dancer/ prostitute with such elan should feel like a vagina after watching a story of a pious queen . What standards are these …tch tch
— Suchitra Krishnamoorthi (@suchitrak) January 28, 2018
वहीं, फिल्मकार अशोक पंडित ने लिखा है, ‘तर्कहीन और आधारहीन बातों से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश के अतिरिक्त यह और कुछ नहीं है. स्वरा भास्कर का दिमाग छोटा होकर एक महिला का अंग मात्र रह गया है. यह नारीवाद को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.’
This is nothing but trying to grab eyeballs with zero rationale and logic. @SwaraBhaskar has reduced a queen of brain and might to just a female body part. Does more harm to feminism than good.#JNUkaAsar. https://t.co/IjwUPlDSM3
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) January 28, 2018
If I shoot a sequence where #Sita goes through ‘Agnipariksha’, it will probably make @ReallySwara feel like a vagina again.
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) January 28, 2018
दरअसल रविवार को अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भंसाली को लिखे खुले खत में कहा था कि फिल्ममेकर ने महिलाओं को ‘वजाइना’ (योनि) के स्तर तक ही सीमित कर दिया है. उन्होंने फिल्म के आखिर सीन की बात करते हुए यह कहा है जिसमें दीपिका उर्फ़ रानी पद्मिनी बाकी राजपूती महिलाओं के साथ जौहर की अग्नि में अपनी इज्जत बचाने के लिए कूद जाती है. स्वरा के मुताबिक महिलाओं को रेप का शिकार होने के बावजूद जिंदा रहने का हक है. उन्होंने लिखा था कि, ‘सर, महिलाएं चलती-फिरती वजाइना नहीं हैं.’