कुछ ऐसी रही रॉकस्टार दलेर मेहंदी की यात्रा, बिहार में जन्म, कबूतरबाजी के आरोप

दलेर मेहंदी ने बीजेपी जॉइन कर ली है. वे इससे पहले भी अपनी इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर हंस राज हंस और पीएम मोदी की एक तस्वीर शेयर कर चुके हैं.

मशहूर सिंगर दलेर मेहंदी ने हाल ही में बीजेपी पार्टी को जॉइन किया है. सनी देओल और गौतम गंभीर जैसे सेलेब्स के बाद दलेर ने सत्ताधारी एनडीए का हाथ थामा है. भांगड़ा को दुनिया भर में फेमस बनाने वाले दलेर मेंहदी का जन्म बिहार के पटना में हुआ था. वे शुरु से ही म्यूज़िक को लेकर बेहद पैशनेट रहे हैं.

दलेर के पेरेंट्स उनके गुरु थे जिन्होंने उन्हें राग और शब्दों की पहचान कराई.  वे पटियाला घराना स्टायल के म्यूजिक से काफी प्रभावित थे और इस विधा को सीखने के लिए  महज 11 साल की उम्र में दलेर ने अपने घर को छोड़ दिया था और वे गोरखपुर के उस्ताद राहत अली खान साहिब से ट्रेनिंग लेने पहुंच गए थे. वे वहां एक साल रहे और उन्होंने म्यूजिक को लेकर अपनी समझ बेहतर की. महज 13 साल की उम्र में उन्होंने 20000 लोगों के सामने परफॉर्म किया था.

साल 1994 में कजाकिस्तान की एक संगीत प्रतियोगिया में वे दूसरे स्थान पर आए थे.कजाकिस्तान के इस शो में उन्हें पिछले तीन दशक की सबसे ओरिजिनल आवाज़ से नवाजा गया था. अगले ही साल उन्होंने अपनी पहली एलब्म लॉन्च की थी. उनकी पहली एल्बम ‘बोलो तारा रारा’ जबरदस्त हिट हुई थी और इस एल्बम की 20 मिलियन से ज्यादा कॉपी बिकी थी.

एक ऐसे दौर में जब बॉलीवुड सिर्फ पुराने दौर के गानों को रीमिक्स कर काम चला रहा है, दलेर मेहंदी हमेशा से ही अपने ओरिजिनल कंटेंट के लिए जाने जाते रहे हैं. उन्होंने ना केवल अपनी पॉप एल्बम से सफलता हासिल की बल्कि बॉलीवुड में भी पंजाबी संगीत का डंका बजाया. 1997 में अमिताभ बच्चन की फिल्म मृत्युदाता में उनका गाया गाना सुपरहिट साबित हुआ. दलेर पंजाबी म्यूज़िक के बाद अपने आपको दूसरे जॉनर्स में भी साबित करना चाहते थे

. यही कारण है कि उन्होंने विशाल भारद्वाज की 2002 में आई आइकॉनिक फिल्म में कव्वाली गाई जिसे दर्शकों ने जबरदस्त प्रतिक्रिया दी. इसके कुछ सालों बाद मेहंदी और ए आर रहमान की जुगलबंदी रंग लाई और दलेर ने रंग दे बसंती में सुपरहिट गाना गाया.

हालांकि दलेर के साथ एक बड़ा विवाद भी जुड़ा रहा है. दलेर पर आरोप थे कि वे गैर कानूनी तरीके से लोगों को विदेश भेजा करते थे. इस मामले में दलेर के भाई मुख्य आरोपी थे. हालांकि पिछले साल दलेर को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था.  दलेर मेहंदी ने अपनी खुद की एक संस्था भी है जिसका नाम दलेर मेहंदी ग्रीन ड्राइव है.

उन्होंने इस संस्था के सहारे कई असहाय परिवारों की मदद की है और उन्हें पर्यावरण के लिए अपने योगदान के चलते भारत सेवा रत्न अवॉर्ड से भी नवाजा गया है.

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