अनंत कुमार का पार्थिव शरीर कल बेंगुलरू के भाजपा मुख्यालय लाया जाएगा, शाम को होगा अंतिम संस्कार
कर्नाटक में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने वाले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का निधन लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. बेंगुलरू में अपने घर पर उन्होंने आखिरी सांस ली. अनंत कुमार के निधन के बाद से पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी के सभी नेता काफी दु:खी हैं. विपक्ष के नेताओं ने भी उनके परिवार के प्रति इस शोक की घड़ी में अपनी संवेदना व्यक्त की है. जानकारी के मुताबिक, (मंगलवार) सुबह 7 बजे तक उनका पार्थिव शरीर बेंगुलरू स्थित उनके निवास स्थान पर रहेगा. यहां से कल सुबह उनके पार्थिव शरीर को बेंगुलरू स्थित बीजेपी मुख्यालय पर लाया जाएगा, जहां लोग उनके अंतिम दर्श कर सकेंगे. मंगलवार शाम को उनका अंतिम संस्कार चामराज पेट स्थित श्मशान घाट पर किया जाएगा. वरिष्ठ नेता के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक और एक दिन की छुट्टी की घोषणा कर दी गई है.
59 वर्षीय अनंत कुमार बीती रात कैंसर की बीमारी से निधन हो गया. अनंत कुमार के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि के लिए सुबह 9 बजे के बाद बेंगलुरु के नेशनल कॉलेज ग्राउंड पर रखा जाएगा. अनंत कुमार के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत तमाम नेताओं ने दुख व्यक्त किया है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लिखा, ‘केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के निधन का सुनकर मुझे दुख हुआ. उनका जाना देश और खासकर कर्नाटक के लोगों के लिए बड़ा झटका है. उनके परिवार, सहकर्मी और उनसे जुड़े अनगिनत लोगों के साथ मेरी संवेदना है
पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा, ‘मेरे सहकर्मी और दोस्त अनंत कुमार के निधन के बारे में सुनकर मुझे काफी दुख हुआ. वह शानदार नेता थे, जिन्होंने युवा के रूप में राजनीति में कदम रखा और अबतक अत्यंत परिश्रम और करुणा के साथ लोगों की सेवा में लगे थे. उन्हें हमेशा उनके अच्छे कामों के लिए याद किया जाएगा.’
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अनंत कुमार के निधन पर शोक जताया. उन्होंने लिखा, ‘केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.’
लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा के साथ मिलकर कर्नाटक में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में अनंत कुमार की अहम भूमिका रही. इन नेताओं के प्रयासों का ही नतीजा था कि कर्नाटक के रूप में दक्षिण में पहली बार बीजेपी का ‘कमल’ खिला. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दृढ़ विचारक, संगठन के मजबूत स्तंभ, बेंगलुरु के ‘सबसे ज्यादा पसंद’ किए जाने वाले सांसद और संयुक्त राष्ट्र में कन्नड़ में बोलने वाले पहले व्यक्ति रहे, जो जो केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के व्यक्तित्व से परिचय कराती हैं.
अनंत कुमार दक्षिण बेंगलुरु सीट से लोकसभा सांसद थे. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में उनके जिम्मे दो अहम मंत्रालय थे. मई 2014 से वह रासायन एंव उर्वरक मंत्रालय संभाल रहे थे, वहीं जुलाई 2016 में उन्हें संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया था.