दो माह और दस दिन… पत्नी के सामने कानपुर के शुभम का कत्ल
कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों की गोली का शिकार हुए शुभम के पिता और पूरा परिवार इस समय श्रीनगर के एक होटल में पुलिस और सेना की सुरक्षा में है। पिता डॉ. संजय द्विवेदी ने बताया कि उनके पास सेना के एक मेजर का फोन आया। कुछ देर के बाद मेजर वहां पहुंच गए। उनसे पूरी बात हुई। उन्होंने मेजर से कहा कि उनके बेटे की लाश जल्दी दिला दीजिए, जिससे हम अपने घर जाकर अंतिम संस्कार कर सकें। डॉ. संजय ने कानपुर के डीएम को भी फोन कर बेटे का शव जल्द से जल्द शहर लाने का इंतजाम कराने की अपील की। जिलाधिकारी ने जल्द-जल्द से इंतजाम कराने का आश्वसान दिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से भी उनके पास फोन आया था। उन्होंने पूरी जानकारी ली और हर संभव सहायता की बात कही।
70 दिन में छूट गया सात जन्मों का साथ
सात जन्मों तक का साथ निभाने का वायदा करने वाले नवदंपति के रिश्तों की डोर 70 दिन में ही टूट गई। आतंकियों के सामने पत्नी ऐशन्या अपने सुहाग को बचाने के लिए कुछ नहीं कर सकी। पति शुभम को छोड़ने के लिए हाथ जोड़े लेकिन दहशत के कारण मुंह से शब्द न निकल सके। आंखों के सामने पति की गोली मारकर हत्या देख आंखें फटी की फटी रह गईं। शुभम की हत्या के बाद से ऐशन्या और मां सीमा बदहवास हैं। दो महीने दस दिन बाद भी ऐशन्या के हाथों की मेहंदी अभी तक नहीं मिटी थी। पिता संजय और वहां मौजूद अन्य परिजन लगातार उन लोगों को हिम्मत दे रहे हैं। आर्मी के अधिकारियों ने श्रीनगर में एक होटल में मौजूद परिवार को पूरी मदद का आश्वासन दिया है।
फोन की घंटी बजते चौंक जाते
श्यामनगर स्थित संजय द्विवेदी के ड्रीमलैंड अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 201 में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं, उनके भाई मनोज के कुछ दूरी पर स्थित विनायत इन्कलेव में रिश्तेदारों के साथ क्षेत्र के लोग पहुंच गए। सभी वहां पूरे घटनाक्रम के बारे में चर्चा करते रहे। घर की गमगीन महिलाएं रोती बिलखती रहीं। श्रीनगर से फोन की घंटी बजते ही लोग चौंक जाते हैं। हर कोई परिवार को ढांढस बंधाता नजर आया। वहीं इलाके में भी जगह-जगह लगी लोगों की भीड़ इसी घटना की चर्चा करती रही।
सीमेंट कारोबारी पिता संजय के साथ शुभम संभाल रहा था कारोबार
मूलरूप से महाराजपुर थानाक्षेत्र के हाथीपुर के रघुवीर नगर निवासी संजय द्विवेदी का सीमेंट का कारोबार है। संजय ट्रेडर्स के नाम से फर्म और ऑफिस कानपुर-लखनऊ नेशनल हाईवे पर स्थित है। कारोबारी संजय द्विवेदी ने 2023 में श्याम नगर स्थित ड्रीमलैंड अपार्टमेंट में शिफ्ट हुए हैं। परिवार में इकलौता बेटा शुभम द्विवेदी (31) पिता के साथ कारोबार संभाल रहा था। वहीं बेटी आरती की पी रोड में शुभम दुबे से शादी हो चुकी है। डाॅ. संजय की पत्नी सीमा द्विवेदी गृहिणी हैं।
कारोबारी के भाई श्याम नगर के विनायक इनक्लेव निवासी ज्योतिषाचार्य मनोज द्विवेदी ने बताया कि 17 अप्रैल को परिवार के कुल 11 सदस्य जिसमें भतीजा शुभम भतीजी ऐसन्या, भाई संजय द्विवेदी, भाभी सीमा, भतीजी आरती, दामाद शुभम दुबे, आरती के ससुर सुरेश कुमार दुबे, सास, मृतक शुभम के ससुर राजेश पांडेय, पत्नी ऐशान्यां, शांभवी सभी कश्मीर, गुलमर्ग, टूर पर यहां से शताब्दी ट्रेन से दिल्ली और वहां से फ्लाइट से गए थे। बताया कि बुधवार 23 अप्रैल को वापसी को लेकर उन्होंने मंगलवार दोपहर करीब 3.30 बजे संजय और अन्य लोगों का हालचाल जानने के लिए फोन किया।
जहां उन्होंने बेटे शुभम के गोली लगने की जानकारी दी। जिससे उनके होश उड़ गए। इस पर उन्हें तुरंत भतीजी ऐशान्यां को कॉल किया। जिसने अपने सामने शुभम की गोली मारकर हत्या की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने अपने बेटे सौरभ द्विवेदी को बताया। ये सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। इस हृदयविदारक घटना को जिसने सुना वह कारोबारी मनोज द्विवेदी के घर पहुंच गया। घर के भीतर नाते रिश्तेदारों और इलाकाई लोगों की भीड़ लग गई। सभी परिवार को सही सलामत शहर पहुंचाने की सरकार से अपील करने लगे।
सोशल मीडिया पर घटना का वीभत्स वीडियो देख खड़े हुए रोंगटे
घटना के बाद से सोशल मीडिया पर तमाम वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें सेना की गतिविधि, कांबिंग साफ दिखाई दे रही है। साथ ही जिस स्थान पर शुभम को गोली मारी गई, वहां आस पास लोगों की लाशें पड़ी दिखाई दे रही है। रोते बिलखते लोग भी वहां दिखाई दे रहे हैं। शुभम को गोली लगने के बाद पड़ा वीडियो देख परिजनों की चीख निकल गई।
दो दिन बाद शव पहुंचने की उम्मीद
पहलगाम में मौजूद पीड़ितों से लगातार दहशत के कारण परिजन हर दस सेकेंड में जानकारी ले रहे हैं। उनका कहना था कि वारदात के बाद आर्मी ने सभी को सुरक्षित होटल में भेज दिया है। उनके अनुसार लगातार आर्मी कांबिंग भी कर रही है। परिजनों के अनुसार पहलगाम पुलिस ने शुभम के शव को कब्जे में लिया है। उनके अनुसार लगभग दो दिन में पोस्टमार्टम के बाद आर्मी की सुरक्षा में शव चकेरी एयरपोर्ट पहुंचाया जाएगा। मृतक शुभम के चाचा मनोज ने बताया कि उनकी लगातार परिवार वालों से बात हो रही है। परिवार के अन्य सभी लोग सुरक्षित हैैं। घटना की जानकारी होने के बाद घर पर लोगों का आना जाना लगा हुआ है। हर कोई इस हृदयविदारक घटना की जानकारी करना चाहता है।
साल भर पहले परिवार की चार महिलाओं की हुई थी मौत
शुभम का संगठित परिवार है। परिवार वालों ने बताया कि शुभम के 18 चाचा-ताऊ हैं। अप्रैल 2024 में इस परिवार में एक बड़ा हादसा हुआ था।
रूमा के पास स्थित नरवल मोड़ पर परिवार की चार महिलाएं सवारी का इंतजार कर रही थीं। इसी बीच अनियंत्रित वैन ने महिलाओं को कुचल दिया था, जिसमें चारों की मौके पर ही मौत हो गई थी। ये महिलाएं परिवार की ही थी।
गांव में पसरा सन्नाटा
शुभम की हत्या की जानकारी जैसे ही गांव पहुंची, परिवार में चीखपुकार मच गई। श्रीनगर से हत्या की जानकारी होते ही मृतक के चाचा मनोज द्विवेदी ने गांव में रह रहे पारिवारिक लोगों को जानकारी दी। गांव के पुशतैनी घर में तो सन्नाटा पसरा था, लेकिन इस घटना से हर कोई बेहद दुखी था। घटना की जानकारी पाकर काफी लोग श्यामनगर घर पहुंच गए।
परिवार का राजनीति से जुड़ाव
आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के परिवार की महाराजपुर क्षेत्र में अच्छी खासी राजनैतिक पकड़ है। शुभम के चाचा मनोज ने बताया कि पिता चंदन प्रसाद द्विवेदी 1977 से 1995 तक 18 वर्ष हाथीपुर के प्रधान रहे।
इसके बाद 1995 से लेकर 2005 तक चाचा सुभाष द्विवेदी प्रधान रहे। चचेरे भाई शैलेंद्र द्विवेदी भाजपा के वरिष्ठ नेता है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और पूर्व मंत्री अनंत मिश्रा अंटू से परिवार के बेहद करीबी रिश्ते हैं।
विधनसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल से की बात
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने घटना की जानकारी होने के बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात की। वहां के हालातों की जानकारी ली। साथ ही कानपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग कॉलेज रूमा में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ होने वाले वन नेशन-वन इलेक्शन कार्यक्रम को रद्द कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा आतंकियों की इस कायराना करतूत का करारा जवाब दिया जाएगा।