यूपी में महंगी हो सकती है बिजली, घरेलू उपभोक्ताओं पर बढ़ सकता है 20 फीसदी तक भार
यूपी में बिजली महंगी हो सकती है। इसके साथ ही दिन और रात में अलग-अलग बिजली दरें भी निर्धारित हो सकती हैं।
प्रदेश में घरेलु उपभोक्ताओं पर भी टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ लागू करने की तैयारी है। ऐसे में घरेलु उपभोक्ताओं का बिजली खर्च करीब 10 से 20 फीसदी तक बढ़ सकता है। मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के मसौदे में इस व्यवस्था को लागू करने का प्रस्ताव है। अभी यह व्यवस्था सिर्फ भारी एवं लघु उद्योगों श्रेणी के उपभोक्ताओं पर लागू है।
केंद्र सरकार की ओर से बिजली (ग्राहकों के अधिकार) नियम, 2020 में अवश्यक संशोधन कर टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ की व्यवस्था लागू करने की बात कही गई है। इसमें दिन और रात की बिजली दर अलग- अलग रखने का नियम है। लघु एवं भारी उद्योग श्रेणी के उपभोक्ताओं पर यह व्यवस्था लागू की जा चुकी है। एक अप्रैल 2025 से सभी उपभोक्ताओं पर लागू होनी है।
हालांकि इसमें किसानों को अलग रखा गया है। ऐसे में नियामक आयोग की ओर से जारी मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के मसौदे में टीओडी टैरिफ लागू करने की बात कही गई है। अभी प्रदेश में कुल 3.45 करोड़ उपभोक्ता है, जिसमें 2.85 करोड़ घरेलू और 15 लाख किसान उपभोक्ता हैं।
2023 में हो गया था स्थगित
टीओडी की व्यवस्था को वर्ष 2023 में भी लागू करने का प्रयास किया गया था, लेकिन उपभोक्ता परिषद ने याचिका लगा दी थी। पूरे मामले में कोर्ट जाने की धमकी दी थी। ऐसे में प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया था। मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के मसौदे के जरिए इसे लागू करने की तैयारी है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि इस व्यवस्था को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी।
क्या होगा नुकसान
आमतौर पर घरेलु उपभोक्ता रात में ज्यादा बिजली खर्च करते हैं। क्योंकि दिन में वे कार्यालय अथवा अन्य स्थानों पर रहते हैं। रात में पूरा परिवार घर में होता है। ऐसे में लाइट, पंखे, कूलर, एसी सहित अन्य भौतिक संसाधनों का प्रयोग होता है। यही वजह है कि बिजली का पीक ऑवर (सर्वाधिक खर्च ) हमेशा रात 10 से 11.30 बजे के बीच होता है। रात में ज्यादा मूल्य वसूले जाने पर घरेलु उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।
ऊर्जा विभाग ने दिया बचत का तर्क
ऊर्जा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टीओडी टैरिफ को उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद बताया। उनका तर्क है कि बिजली की पीक ऑर्वस में उपभोक्ता इलेक्ट्रिक चीजें कम चलाकर बिजली खर्च बचा सकेंगे। इससे कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से बनी बिजली की मांग कम होगी। ग्राहक खपत प्रबंधन करेंगे तो बिल में 20 फीसदी तक की बचत भी हो सकती है।
किसानों को रखा है अलग
टीओडी टैरिफ से कृषि कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को अलग रखा गया है। प्रदेश में करीब 15 लाख से अधिक इस श्रेणी के उपभोक्ता हैं।
क्या है टीओडी टैरिफ
दिन और रात के समय बिजली की दर अलग-अलग रखे जाने को टाइम ऑफ़ डे (टीओडी) टैरिफ़ कहते हैं। इस टैरिफ़ के तहत, दिन के समय बिजली की दर कम और रात के समय बिजली की दर ज़्यादा होती है। उपभोक्ता दिन के अलग-अलग समय के हिसाब से अलग-अलग बिजली बिल चुकाएंगे।
सर्वाधिक बिजली कब खर्च हुई
प्रदेश में 18 जून की रात 10 से 11 बजे के बीच 35 मिनट तक 30618 मेगावाट बिजली आपूर्ति की गई। यह अब तक की सर्वाधिक आपूर्ति है। इस दिन की अधिकतम खपत 65.35 करोड़ यूनिट थी।